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निःस्वार्थ भगवान का सुमिरन जीवन के लिए सुखदायी-प्रियंका पाण्डेय

निःस्वार्थ भगवान का सुमिरन जीवन के लिए सुखदायी-प्रियंका पाण्डेय

लखहरा में सामूहिक श्रीराम कथा में गोविंद शास्त्री जी ने भगवान की महिमा का किया गुणगान

कथा सुनातीं प्रियंका पाण्डेय जी

लालगंज, प्रतापगढ़। सांगीपुर क्षेत्र के लखहरा में पांच दिवसीय सामूहिक श्रीराम कथा में काशी से पधारीं कथावाचिका प्रियंका पाण्डेय के श्रीराम केवट संवाद को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। मानस गंगा प्रियंका पाण्डेय ने कहा कि केवट का भगवान श्रीराम के प्रति निःस्वार्थ समर्पण का भाव था। उन्होनें कहा कि भगवान भक्त के भाव के ही भूखे हुआ करते हैं। उन्होनें कहा कि भाव से भगवान को तुलसीदल और गंगाजल अर्पित कर मनुष्य प्रभु की कृपा का मंगलफल प्राप्त किया करता है। उन्होने कहा कि मां गंगा भगवान की सुपुत्री हैं और मां जानकी साक्षात भगवती के रूप में भक्तों के लिए सुखदायी है। कथा को आगे बढ़ाते हुए आजमगढ़ से पधारीं पं. गोविन्द शास्त्री जी ने श्रीराम रावण युद्ध को लेकर श्री लक्ष्मण की मूर्क्षा में संत हनुमन्त के प्रभु के समर्पण से जुडी मनमोहक कथा का वर्णन किया। उन्होने कहा कि संसार में सुख हो या दुख भवसागर से पार होने का एक मात्र सहारा रामनाम ही है। पं. गोविन्द शास्त्री जी ने कहा कि हनुमान जी ने कालिनेम के छद्म का वध किया। उन्होने बताया कि कालिनेम भी अंतिम सांस छोड़ने के पहले श्रीराम का नाम लेने मात्र से मोक्ष का सुखदायी हुआ। उन्होनें बताया कि रावण की दस हजार अमर सेना और उसका पुत्र अकम्पन भी हनुमान जी को श्रीराम के अनुराग की शक्ति के सामने संजीवनी बूटी ले आने से रोक नही सका। कथा का संयोजन समाजसेवी प्रभंजन सिंह व डॉ. निरंकार सिंह तथा संचालन राकेश प्रताप सिंह ने किया। इस मौके पर अशोकधर द्विवेदी, डा. अर्चना सिंह, राममिलन शुक्ल, डा. शशिबाला सिंह, सीमा सिंह, शीला सिंह, सतीश उपाध्याय, अजीत मिश्र, दिनेश सिंह, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, प्रेमचंद्र पाण्डेय, विकास मिश्र, अमित केसरवानी, विनयचंद्र परिहार, विक्रम सिंह, लक्ष्मी सिंह आदि रहे।

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